Dehati Samaj
Autor: | Sarat Chandra Chattopadhyay |
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Kategorie: | |
Popis: | प्रसिद्ध बांग्ला साहित्यकार शरतचंद्र का ये उपन्यास भारतीय गांवो की कहानी है. ----------------- बाबू वेणी घोषाल ने मुखर्जी बाबू के घर में पैर रखा ही था कि उन्हें एक स्त्री दीख पड़ी, पूजा में निमग्न। उसकी आयु थी, यही आधी के करीब। वेणी बाबू ने उन्हें देखते ही विस्मय से कहा,'मौसी, आप हैं! और रमा किधर है?'मौसी ने पूजा में बैठे ही बैठे रसोईघर की ओर संकेत कर दिया। वेणी बाबू ने रसोईघर के पास आ कर रमा से प्रश्न किया -'तुमने निश्चय किया या नहीं, यदि नहीं तो कब करोगी?' |
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