Autor: |
Harish D. Chouhan, Mukesh H. Khatik |
Rok vydání: |
2021 |
Předmět: |
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Zdroj: |
Towards Excellence. :1180-1194 |
ISSN: |
0974-035X |
Popis: |
यह कहा जा सकता है कि जिस प्रकार अफगानिस्तान में पाकिस्तान का स्थायी एजेंडा वहाँ अपनी सामरिक पहुँच बनाना और ठीक उसी प्रकार भारत के स्थायी लक्ष्य भी स्पष्ट हैं- अफगानिस्तान के विकास में लगे करोड़ों डॉलर व्यर्थ न जाने पाएँ, काबुल में मित्र सरकार बनी रहे, ईरान-अफगान सीमा तक निर्बाध पहुँच रहे और वहाँ के पाँचों वाणिज्य दूतावास बराबर काम करते रहें। भारत ने राष्ट्र निर्माण और राजनीतिक स्थिरता के विचारों के साथ अपने सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करके अफगानिस्तान के साथ जुड़ने के लिए एक सॉफ्ट पावर रणनीति अपनाई है जिससे दोनों देशो के संबंध और मजबूत हो सके। भारत अफगानिस्तान के सबसे बड़े व्यापारिक भागीदारों में से एक है। भारत और अफगानिस्तान को स्वाभाविक सहयोगी माना जाता है। भारत अफगानिस्तान को एक मित्र राष्ट्र के रूप में बनाए रखने में रुचि रखता है क्योंकि यह भारत को पाकिस्तान की निगरानी करने और अफगानिस्तान को आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए आतंकी समूहों क्रियाविधि क्षेत्र बनने से रोकने में मदद कर सकता है। मार्च 2020 में अमेरिकी-तालिबान समझौते का भारत ने न केवल पूर्ण समर्थन किया बल्कि इस समझौते में भारत के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे, जो तालिबान के प्रति भारत के बदले रूख को दर्शाता है। |
Databáze: |
OpenAIRE |
Externí odkaz: |
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