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pro vyhledávání: '"कर्म"'
Autor:
Mrs Ojasi Sukhatankar
Publikováno v:
Prachi Prajna, Vol 5, Iss IX, Pp 290-306 (2019)
भगवद्गीतायाः विषयः सहस्रेभ्यः वर्षेभ्यः ज्ञानिभिः चर्चितः। तेषु विंशतेः शताब्देः एकः महान्
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https://doaj.org/article/481af757451942a3bdfef21d0f43c9d9
Autor:
Anurag Jayswal
Publikováno v:
Interdisciplinary Journal of Yagya Research, Vol 3, Iss 1 (2020)
यज्ञ वैदिक काल से एक प्रचलित अवधारणा रही है। यह अग्निहोत्र जैसी कर्मकांड परक क्रिया से लेकर आत
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https://doaj.org/article/cdf5f0498a8f4f14bc8eb1f55c073a9d
संक्षेपिका: श्रीमद्भगवद्गीता एक महत्वपूर्ण धार्मिक ग्रंथ है जोभारत की संस्कृति और विचारधारा
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https://explore.openaire.eu/search/publication?articleId=doi_________::0ea06b5fa14f7dd84ae79efc5eff461d
श्रीमद्भगवद्गीता ’वेदों, पुराणों तथा उपनिषदों जैसे आवश्यक प्राचीन भारतीय ग्रंथों में से एक ह
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https://explore.openaire.eu/search/publication?articleId=doi_________::6a80ccfec766ca1ef2fff863701f9d89
श्रीमद्भगवद्गीता ’वेदों, पुराणों तथा उपनिषदों जैसे आवश्यक प्राचीन भारतीय ग्रंथों में से एक ह
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https://explore.openaire.eu/search/publication?articleId=doi_________::d8a87a3fd7dbc0077162392b8c27e07d
कर्मवाद की प्रासंगिकता आधुनिक समय में भी ज्वलंत विषय है। हर व्यक्ति स्वार्थवश नैतिक-अनैतिक कर
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https://explore.openaire.eu/search/publication?articleId=doi_________::29c34b6471c84e077183c17eb4682645
कर्मवाद की प्रासंगिकता आधुनिक समय में भी ज्वलंत विषय है। हर व्यक्ति स्वार्थवश नैतिक-अनैतिक कर
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https://explore.openaire.eu/search/publication?articleId=doi_________::1f460fc0e382c0fbb94da02b7ffaa451
Autor:
Behera, Shivananda
संस्कृतभाषा एवं सर्वासां भारतीयभाषाणाम् जननी कथ्यते । ततः भारतीयभाषाणां व्याकरणेषु संस्कृत
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https://explore.openaire.eu/search/publication?articleId=doi_dedup___::770e3bcaed0d25065d26ff3614341ba8